Efforts are on to save the culprits in the national flag insult case
- पांच दिन बाद भी एफआईआर नहीं करा पाया मण्डी बोर्ड, विभागीय स्तर पर ही चल रहा घालमेल
ग्वालियर। उल्टा ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान मामले में अधिकारी एवं कर्मचारी को निलंबित करने की कार्रवाई के बाद पूरा विभाग सो गया है और इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय ध्वज के मामले में पांच दिन बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है। जिसके चलते निलंबित अधिकारी एवं कर्मचारी को बचाने की चर्चाएं तेज होने लगी है।
15 अगस्त को जिले की दीनारपुर मंडी में राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजा रोहण आयोजित किया गया था। जिसके दौरान राष्ट्रीय ध्वज के शीर्ष रंग को नीचे की तरफ कर ध्वजारोहण किया गया था। इस बात का खुलासा खबरों में होने के पश्चात मंडी सचिव मीणा सहित एक अन्य कर्मचारी शशिलता दौहरे को निलंबित कर दिया गया। लेकिन राष्ट्रीय ध्वज के अपमान मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराना मण्डी बोर्ड में चल रही घालमेल और वरिष्ठ अधिकारियों का राष्ट्रीय ध्वज के प्रति समर्पण की पोल खोल रहा है।

सचिव बिना चल रही मंडी
राष्ट्रीय ध्वज अपमान मामले में जहां विभाग ने मंडी सचिव को निलंबित कर दिया था, उसके बाद मण्डी का संचालन बिना सचिव के हो रहा है, जिससे वहां पर किसानों की समस्याओं एवं अन्य कार्यों में परेशानी की स्थिति बन रही है। वहीं विभागीय अधिकारियों द्वारा अन्य को प्रभार नहीं दिए जाने से भी यह चर्चा तेज हो गई है कि निलंबित अधिकारी को वापस लाने की तैयारी की जा रही है।
कई अन्य लोग भी थे मौजूद
दीनारपुर मंडी में ध्वजा रोहण के समय कई अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे और मण्डी बोर्ड द्वारा अभी तक उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की है। जबकि राष्ट्रीय ध्वज के अपमान मामले में मौजूद सभी उत्तरदायित्व की श्रेणी में थे।
कारावास या जुर्माना कौन लगाएगा?
राष्ट्रीय ध्वज के अपमान मामले में राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत 3 वर्ष के कारावास और जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। लेकिन मण्डी बोर्ड द्वारा एफआईआर नहीं कराने से इस अधिनियम का पालन पेचीदा हो जाएगा। क्योंकि इस मामले में न्यायालय से ही आदेश जारी हो सकता है और एफआईआर के कौन कारावास या जुर्माना लगाने की कार्रवाई को करेगा?
कौन होगा जिम्मेदार?
वर्तमान में बिना सचिव के मण्डी का संचालन होने की स्थिति में कौन वहां होने वाले कार्य के उत्तरदायी होगा? यह प्रश्न भी लगातार उठ रहा है, क्योंकि अगर इस दौरान किसानों के साथ धोखाधड़ी एवं किसी बड़ी घटना के होने पर जिम्मेदारी किसकी होगी? यह निश्चित करने में परेशानी खड़ी होगी, क्योंकि निलंबन का निलंबन का आदेश निकालने के बाद जिम्मेदारी देने का आदेश आज तक नहीं निकल सका है।






