ASI saluted the tricolor by becoming SI
- मण्डी बोर्ड के कर्मचारी का तिरंगे के अपमान की स्थिति की चर्चाऐं
ग्वालियर। प्रदेश के अंदर शासन के नियमों की धज्जियां लगातार सरेराह उड़ाई जा रही है और वरिष्ठ अधिकारी गांधी के तीन बंदरों की भूमिका से बाहर नहीं आ रहे हैं, जो कि न बुरा सुनने, न बुरा देखने और न ही बुरा बोलने की स्थिति में नजर आ रहे हैं, जिसके चलते हर तरफ अराजक स्थिति पनप रही है, कुछ ऐसा ही हाल मण्डी बोर्ड के तहत चलने वाली मंडियों में नजर आ रहा है, जहां झंडे के आगे पद एएसआई का होने पर भी दरोगा (एसआई) बनकर सलामी दी।
जिले की दीनारपुर मंडी में 15 अगस्त को उल्टा घ्वजारोहण करने का कारनामा किया गया था। जिसमें शासन ने कार्रवाई करते हुए दो लोगों को निलंबित कर दिया गया है। इस स्थिति के बावजूद उसी दिन तिरंगे के सामने मण्डी में तैनात एक एएसआई व्हीएस डण्डौतिया ने एसआई के सितारे लगाकर लक्ष्मीगंज मण्डी में सलामी देने का कारनामा किया है। इस स्थिति के चर्चा मण्डी में जमकर चल रही है। वहीं बताया गया है कि यह कर्मचारी पूर्व में भी कई कारनामे कर चुका है, जिसमें उपस्थिति कहीं ओर और मौजूदगी कहीं ओर जैसी स्थिति भी शामिल है।
पुलिस जैसी मण्डी पुलिस
मण्डी बोर्ड के अधीन जिले में कई मंडियां संचालित हो रही है, जिनमें कर चोरी रोकने के लिए मण्डी बोर्ड की पुलिस का गठन भी किया गया है, जिसमें पुलिस की तर्ज पर कई पद है और इसके चलते उनको भी पुलिस की तरह खाकी वर्दी दी हुई है। इसी के तहत मण्डी की पुलिस को भी एएसआई, एसआई की तरह उनके कंधे पर पहचान के लिए सितारे भी लगाए गए हैं।
तिरंगे के अपमान की स्थिति
जानकारों के अनुसार तिरंगे के सामने एएसआई होने के बावजूद एसआई बनकर सलामी देना पूरी तरह उसका अपमान है। जिसका कारण तिरंगे के सामने सत्यता, कर्तव्यनिष्ठा की शपथ ही ली जाती है और इस मामले में यह दोनों ही बातेें गलत साबित हो रही है।
ट्रक पकड़ने का मामला भी उछला था
एएसआई का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इनके द्वारा एक व्यापारी का ट्रक पकड़कर उससे 50 हजार रुपए मांगने का मामला भी उछला था और उस मामले में अपने पदीन अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए दबाने का प्रयास किया गया था, हालांकि यह मामला अभी जांच में चल रहा है।
ग्वालियर से बेहद लगाव
एएसआई का लगाव ग्वालियर से बेहद बताया जाता है, विभागीय सूत्रों की मानें तो एएसआई की पदस्थापना राधौगढ़ में होने के बावजूद वह संभागीय अधिकारी के यहां से आदेश कराकर लक्ष्मीगंज मण्डी में पदस्थ होकर उड़नदस्ता पर तैनात हुआ था।






