Sulagti Khabar

अज्ञात एवं लावारिस अस्थियो का पित्र पक्ष में सोरो जी मे किया विसर्जन

Unidentified and unclaimed bones were immersed in Soro Ji during Pitru Paksha.

सोरोजी घाट पर हिन्दू संस्कृति एवं धार्मिक परंपराओं के अनुसार लगभग 60 से अधिक अज्ञात एवं लावारिस व्यक्तियों के अस्थि-अवशेषों का विसर्जन विधि-विधान से सम्पन्न किया गया।
यह पावन कार्य डॉ. संजय पाण्डेय एवं उनके सहयोगी के द्वारा सम्पन्न कराया गया। उन्होंने शास्त्र सम्मत वैदिक मंत्रोच्चारण एवं सभी धार्मिक अनुष्ठानों के साथ अस्थि-विसर्जन की पूर्ण प्रक्रिया पूरी की।
हिन्दू धर्म में यह विश्वास है कि पित्र पक्ष में अस्थि-विसर्जन से दिवंगत आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनकी आत्मा शांति को प्राप्त करती है। इसी भावना के साथ डॉ. संजय पाण्डेय व उनके अमरनाथ यात्रा सहियोगी ने उन 60 से अधिक दिवंगत अज्ञात व्यक्तियों के लिए इस धार्मिक कर्तव्य का पालन किया, जो अपनों के बिना ही इस संसार से विदा हो गए थे।
इस अवसर पर उपस्थित आनंद पचौरी,c A pravne, सुभाष शर्मा,सुनील भार्गव,किशन पाल,एवं सुदीप सेठ ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और इस पुनीत कार्य को समाज के लिए अनुकरणीय बताया।

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