Corrupt people put tadka worth crores in Deen Dayal kitchen
- नगर निगम में पहुंचा जांच पत्र खोया, एक साल में नहीं हो सकी कार्रवाई
भोपाल । लोगों को कम कीमत पर भोजन देने के लिए शुरु की गई दीनदयाल रसोई योजना किस तरह भ्रष्टाचारियों के चंगुल में फंसकर स्वाहा हो गई और उसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार का तड़का लगा दिया गया। इस मामले की जांच तत्कालीन निगमायुक्त द्वारा कराई जाने के बाद इस घोटाले होने की स्थिति में एक साल बाद भी चुप्पी छाई हुई है।
भोपाल महानगर में निगम के आदेश पर दीनदयाल रसोई योजना का संचालन किया गया था। जिसमें तृतीय चरण के अंतर्गत निगम सीमा में 5 स्थाई और 3 चलित रसोई केन्द्रों का संचालन शुरु करने के लिए निविदा जारी की गई थी। जिसमें पहुंची संस्थाओं में अपनी संस्थाओं को लाभ देने के लिए पूरी तरह गोलमोल किया गया और इसकी शिकायत पर हुई जांच का प्रतिवेदन फाइलों में गुम होकर रह गया है।
सामुदायिक संगठक की मनमानी
इस मामले में हुई जांच में सामुदायिक संगठक की मनमानी का खुलासा हुआ है और उसने पूरी तरह निगमायुक्त के अधिकार को ही परे रखकर खुद ही सारे कामों को करने की स्थिति तय करना बताया है।
मनमाने अंको का खुलासा
इस मामले में जांच होने के पश्चात उसमें खुलासा हुआ है कि इसमें भाग लेने पहुंची संस्थाओं को सामुदायिक संगठक ने मनमाने ढंग से अंक प्रदान कर अपनी संस्थाओं को सर्वाधिक अंक देने का कारनामा किया है और उसके ही आधार पर कार्य दिया गया है।
कलेक्टर तक को किया गुमराह
दीनदयाल रसोई योजना में कार्यरत अधिकारी इतने शातिर हैं कि उन्होंने तत्कालीन भोपाल कलेक्टर को गुमराह कर दिया और इसका खुलासा जांच अधिकारियों ने अपने जांच प्रतिवेदन में किया है। जिसमें अनुश्रवण समिति की बैठक होने की बात भी असत्य तरीके से लिख दी।
2024 में पहुंची थी रिपोर्ट
दीनदयाल रसोई के संचालन में हुई गड़बड़ी की रिपोर्ट पिछली साल 2024 में जांच होने के उपरांत तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एवं परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण द्वारा भेजी गई थी।







